सचिन की विदाई हो गई। दिनभर था अखबारों के लिए कुछ कमाल का प्रकाशित करें कमाल के सचिन के लिए लेकिन कुछ ज्यादा न हो पाया। स्पोट्र्स के मामले में हमेशा की तरह अंगरेजी अख़बार मंच लूट ले गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने जबदरस्त काम किया है। हेडिंग कमाल का है हिन्दी करूं तो ऐसा होगा 'देश को आंसूओं में छोड़ गए सचिन। चार उम्दा पेज बनाए है पहले पेज पर वो फोटो है जिसमें सचिन शुक्रिया करने वालों सूची है। ये देखकर आनंद आ जाता है क्यों टाइम्स ऑफ इंडिया दूसरों से अलग है। इकोनॉमिक्स टाइम्स संडे मैग्जीन में सचिन के साथ है। एचटी संडे हर संडे की तरह है याने इंडेक्स लिए हो फिल्प फोल्डर। डीएनए ने टेस्ट के पहले दिन अच्छा किया था लेकिन समापन पर कुछ खास नहीं कर पाया।
कोलकाता का टेलीग्राफ गजब की हेडिंग के साथ मोह रहा है। हिन्दी अखबारों में भास्कर ने अच्छा काम किया और सबसे खराब एनबीटी मुंबई ने जिसने खराब शीर्षक और पुराने कंटेंट जो दो दिन पहले छप चुके हैं परोसे। एनबीटी के सारों पेजों पर पर टेक्स्ट ही टेक्स्ट है, लेआउट जैसा कुछ नहीं। बाकी हिन्दी अखबरों के बारे में लिखना जरूरी नहीं देख ले तो ठीक होगा।
कोलकाता का टेलीग्राफ गजब की हेडिंग के साथ मोह रहा है। हिन्दी अखबारों में भास्कर ने अच्छा काम किया और सबसे खराब एनबीटी मुंबई ने जिसने खराब शीर्षक और पुराने कंटेंट जो दो दिन पहले छप चुके हैं परोसे। एनबीटी के सारों पेजों पर पर टेक्स्ट ही टेक्स्ट है, लेआउट जैसा कुछ नहीं। बाकी हिन्दी अखबरों के बारे में लिखना जरूरी नहीं देख ले तो ठीक होगा।