गुरुवार, जुलाई 14, 2011

हिन्दी वाले 'दहल' गए अंगरेजी वाले छा गए


मुंबई ब्लास्ट पर इस बार डेली न्यूज एनालिसिस यानी डीएनए ने बाजी मारी है, एक के बाद एक एक्सक्लूसिव पेज देकर उसने ठस् मामले में टाइम्स ऑफ इंडिया से लीडर की कुर्सी छीन ली है। टाइम्स दो चार पन्ने बनाकर इतिश्री कर ली है। टाइम्स के पेज वन पर ढेर सारे पिक्चर हैं, हेडिंग अच्छा है, लेकिन डीएनए के एक पिक्चर ने सब की बोलती बंद कर दी है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने अच्छा प्रयास किया है। इंडियन एक्सप्रेस, टेलीग्राफ ने खबर दी है जैसे कोई बड़ी खबर दी जाती है बस।
हिन्दी अखबारों ने हेडिंग से ही रीडर्स को निराश किया है हर अखबार में...फिर दहली मुंबई टाइप हेडिंग छपा है। भास्कर ने जरूर इमोशनल टच का हेडिंग देकर अच्छा अखबार बनाया है शेष सभी ने दो-दो पेज दिए हैं लेकिन फोटो फीचर छापा है जो सभी न्यूज चैनल दिखा चुके थे। मराठी में भी कुछ खास नहीं है यहां भी मुंबई दहली ही है।
अरे हां कल्पेश याग्निकजी की संपादकीय पढ़ना न भूलें अच्छी लिखी है। गुजराती दिव्य भास्कर में भी ट्रांसलेट होकर छपी है।