सोमवार, अप्रैल 05, 2010

ये ख़बर हमारे यहां नहीं छपती

न्‍यूयॉर्क के एक अख़बार में ख़बर छपी है कि एक झरने में फंसे दो साल के बच्‍चे को उसके पिता ने बचा लिया। जी हां ये ख़बर अगर हमारी यहां छपी होती तो शायद ही छपती। संपादकजी पूछते इसमें खास क्‍या है...बाप तो बेटे को बचाएगा ही...हां अगर कोई राहगीर या पराया व्‍यक्ति बच्‍चे को बचा लेता तो अनजान ने जान की बाजी लगाकर बचाई जान जैसा कोई शीर्षक देकर ख़बर छाप लेते। और ऐसे में अगर ये ख़बर किसी स्ट्रिंगर ने भेजी हो तो उसकी तो बारह बज जाती। डेस्‍क के लोग इतनी खरी खोटी सुनाते कि बेचारा ऐसी ख़बर लिखना ही भूल जाता। लेकिन न्‍यूयॉर्क से छपने वाले डेली न्‍यूज नाम के अख़बार ने अपने स्ट्रिंगर की ख़बर को न सिर्फ छापा बल्कि पहले पेज पर एक्‍सक्‍लूसिव लिखकर जगह भी दी। चार लाइन प्रथम पेज पर लिखी लेकिन ऐसी लिखी कि पूरी ख़बर समझ में आ गई। फोटो तो स्ट्रिंगर ने ऐसा लिया कि कमाल कर दिया। माना कि सारा न्‍यूज सेंस और ड्रामे का कमाल है लेकिन शीर्षक और फोटो इतना जोरदार है कि पाठक ख़बर जरूर पढ़ेगा।