बुधवार, अक्टूबर 07, 2009

जी लो जी भरके


हाल ही में दिल्‍ली नवभारत टाइम्‍स में बेहतरीन ख़बर छपी है। पत्रकार मित्रों के भी काम आएगी। ख़बर लीक से हटकर है। पोस्‍ट में देरी के लिए क्षमा चाहता हूं, लेकिन ख़बर जोर दार है। जिनके घर नवभाटा नहीं आता यहीं पढ़ लें।


जी लो जी भरके
कहते हैं जिंदगी एक बार मिलती है, इसलिए उसे जी भरकर जीना चाहिए। लेकिन यह बात कहने-सुनने में जितनी आसान लगती है, फॉलो करने में उतनी ही मुश्किल। ख्वाहिशों की उड़ान और हकीकत के बोझ के बीच इंसान पिसकर रह जाता है। ऐसे में हर शख्स को कभी-न-कभी हताशा, निराशा, नाकामी और अकेलेपन की तकलीफ के बीच जिंदगी के बोझ बनने का अहसास घेर लेता है। घर-परिवार, यार-दोस्त, नौकरी-चाकरी से लेकर पर्सनल जरूरतों और चाहतों के बीच बेहतर तालमेल बनाकर कैसे जीएं जिंदगी को फुलटुस्स, बता रही हैं प्रियंका सिंह :
हम सभी के पास दो तरह की जिंदगी होती है। एक वह जिंदगी, जो हम जीते हैं और दूसरी वह, जो सभी के अंदर होती है लेकिन हम उसे जी नहीं पाते। जाहिर है, जरूरत इसी जिंदगी को जानने-समझने और जीने की है। इसके साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि कामयाब जिंदगी क्या है? हालांकि हर शख्स के लिए इसकी अलग परिभाषा हो सकती है लेकिन मोटे तौर पर निम्न चीजें मिलकर एक कामयाब जिंदगी बनाती हैं :
- एक सुरक्षित और आनंददायक जगह पर रहना। - ऐसे लोगों का साथ, जो आपसे प्यार करते हों और आपकी इज्जत करते हों। - ऐसी चीजें करना, जिसने संतोष मिले और जिनका कोई रिवॉर्ड भी हो। - अपनी जरूरतें अच्छी तरह पूरी करने लायक चीजें और पैसा होना। - ऐसे समाज में रहना, जो सभी की स्वतंत्रता की हिफाजत करता हो।

सेल्फ मैनेजमेंट

1। अपने मन में साफ रखें कि हम जिंदगी में क्या पाना चाहते हैं। रोज इसके बारे में सोचें और विजुएलाइज करें। कल्पना करें कि हमने उसे पा लिया है। उस स्टेज में खुद को देखें। इससे हम उलझन से बच सकते हैं। 2। खुद से प्यार करें। हम जैसे हैं, उसी रूप में खुद को स्वीकार करें। किसी भी तरह की हीनभावना खुद पर हावी न होने दें। 3. दूसरों के लिए कुछ करना अच्छा है लेकिन दूसरों के लिए खुद को बिल्कुल भुलाना नहीं चाहिए। अपने शौक और इच्छाओं के लिए भी वक्त निकालना चाहिए। 4. हमें गुस्सा, नाराजगी, निराशा और नकारात्मक सोच जैसे नेगेटिव इमोशंस को हैंडल करना और उनसे बाहर निकलना सीखना चाहिए। अगर किसी बात या चीज से दुखी हों तो उसके बारे में सचेत हो जाएं। दुखी होते रहने के बजाय उस घटना से सबक लेकर या खुद को व्यस्त रखकर आगे बढ़ें। 5. दूसरों के पैसे, ओहदे, शोहरत से तुलना बेशक करें, लेकिन ईर्ष्या न करें। हम उनसे सीखें और खुद में कोई कमी है तो उसे दूर करें। लेकिन साथ ही अपने को भी देखें और अपने मौजूदा स्तर से आगे बढ़ें तो वही असली तरक्की है।


रिश्ते

1। दूसरे लोग हमें समझें, इससे पहले हम उन्हें समझने की कोशिश करें। उनके हालात में खुद को रखने की कोशिश करें। 2। कम्यूनिकेशन जरूरी है। बड़े-से-बड़े मतभेद होने पर भी बातचीत जारी रखें। आपसी मतभेद को मनभेद न बनने दें। 3। जितना हो सके सुनें। इससे हम ज्यादा-से-ज्यादा सीखेंगे और कम-से-कम चीजें मिस करेंगे। साथ ही, आपस में तकरार होने के चांस भी कम होंगे। 4। जब सामनेवाले का पारा हाई तो चुप रह जाना ही बेहतर है, चाहे सामनेवाला गलत ही क्यों न हो। बाद में जरूर अपनी बात को कायदे से सही शब्दों में सामने रखें। मन में बातों को दबाकर रखना भी सही नहीं है। 5। दूसरों पर अपनी पसंद-नापसंद न थोपें। जब खुद हम हमेशा दूसरों के मुताबिक नहीं चल सकते तो दूसरों से यह उम्मीद भी बेकार है। अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को बदलने की कोशिश से रिश्तों में खटास के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।


सेहत

1। हम पैसे कमाने की खातिर अपनी सेहत को नजरअंदाज करते जाते हैं और बाद में सेहत ठीक करने की कोशिश में बेतहाशा पैसे खर्च करते हैं। पर अक्सर इसमें नाकाम रहते हैं। सेहत को अपनी प्राथमिकताओं में रखें। 2। रोजाना आधे घंटे की सैर या एक्सरसाइज जरूर करें। योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन कर पाएं तो तन-मन दोनों दुरुस्त रहेंगे। 3। कुछ लोग खाने के लिए जीते हैं तो कुछ जीने के लिए खाते हैं। हमें इन दोनों के बीच का रास्ता निकालना चाहिए। खाने में मन न मारें। कुछ भी खा सकते हैं लेकिन लिमिट में। खाना सेहतमंद हो, यह जरूर ध्यान रखना चाहिए। 4। आराम करें। हफ्ते में कम-से-कम कुछ घंटे ऐसे हों, जब हम दिल-दिमाग से तनावरहित होकर सिर्फ और सिर्फ आराम करें। ये चंद घंटे हमारी जिंदगी में रौनक और जोश लौटा देंगे। जिन लोगों से प्यार करते हैं, जिनका साथ पसंद करते हैं, उनके साथ वक्त बिताएं। 5। शराब, तंबाकू, गुटके जैसी चीजों से दूर रखें। अगर कुछ बुरी आदतें हैं तो उन्हें छोड़ने की कोशिश करें। बुरी आदतों को छुड़ाना मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं।


करियर

1। भेड़चाल में न चलें, न ही दूसरों को मोटी कमाई करते देख उसी दिशा में बढ़ने लगें। हमें कामयाबी उसी फील्ड में मिलती है, जिसमें महारत हासिल है और जिसे हम एंजॉय करते हैं। 2। अपने सबसे बड़े शौक को प्रफेशन के रूप में चुनें। कोई काम न करें, जिसमें दिलचस्पी न हो। मनपसंद काम चुनने से हम उसे एंजॉय करेंगे। इससे काम से होनेवाला स्ट्रेस आपसे दूर रहेगा। 3। अगर हम अपने काम में सौ फीसदी देते हैं तो हमारी कामयाबी तय है क्योंकि माकेर्ट में ऐसे लोग बहुत कम हैं। छोटे-से-छोटे काम में भी अपना दिल, दिमाग और ताकत लगा दें। 4। जो भी काम करें, उसमें अपनी छाप छोड़ें। काम सभी लोग करते हैं, लेकिन कुछ लोग उसके लिए जाने जाते हैं। लीक से हटकर काम करें। लीक पर चलेंगे तो वहीं पहुंचेंगे, जहां दूसरे लोग उस रास्ते पर चलकर पहुंचे हैं। 5। जिंदगी के आखिरी लम्हे तक सीखते रहें। जानकारी ही हमारी असली ताकत है। अपने फील्ड के बारे में खुद को अपडेट करते रहें। चाहे इंटरनेट से करें या प्रफेशन से जुड़ी नई किताबें पढ़ें।


मनी मंत्रा

1। पैसे से खुशियां नहीं खरीदी जा सकतीं लेकिन इससे जिंदगी आसान हो जाती है और बहुत-सी तकलीफें दूर हो सकती हैं। इसलिए फाइनैंशल सिक्युरिटी जरूरी है। 2। जितनी चादर हो, उतने पैर पसारने चाहिए, अब यह फंडा बदल गया है। अब पैर सिकोड़ने के बजाय चादर बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, लेकिन इतना जोर न लगाएं कि चादर फट जाए। 3। इनकम बढ़ाने के लिए एक ही सोर्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। कम-से-कम दो सोर्स होने चाहिए। अगर एक में दिक्कत हो तो दूसरा चलता रहे। लेकिन नया सोर्स बनने पर ही पुराने को छोड़ने की सोचें। 4। बचत को लेकर संतुलित नजरिया अपनाएं। बचत इतनी ज्यादा न करें कि आनेवाले कल को संवारने के चक्कर में अपने आज में तकलीफें उठाएं। न ही इतना ज्यादा खर्च करें कि आज की मौज-मस्ती के चक्कर में आनेवाले कल का ध्यान ही न रखें। 5। पैसे को मैनेज करें न कि पैसा आपको मैनेज करे। यानी अंधाधुंध पैसे कमाने के चक्कर में जिंदगी की बुनियादी खुशियों से दूर न हो जाएं। साथ ही, फटाफट पैसे कमाने के चक्कर में न पड़ें। ऐसे में अक्सर आदमी धोखा खाता है।


टाइम मैनेजमेंट

1। प्राथमिकता तय करें। ऐसा करते हुए हमेशा ध्यान रखें कि महत्वपूर्ण काम क्या है। कई बार हम लोग अर्जेन्ट और अहम काम के बीच फर्क नहीं कर पाते। अजेर्ंट काम (चाहे कम जरूरी ही क्यों न हो) अक्सर इस लिस्ट में ऊपर आ जाता है, जबकि अहम काम पीछे छूट जाता है। मसलन, अगर दांत का इलाज करना है तो हम अक्सर उसे टालते रहते हैं, जबकि वह बेहद जरूरी है पर अक्सर अजेंर्ट नहीं होता। 2। सही वक्त पर फैसले करना बेहद जरूरी है। किसी फैसले को लंबे वक्त तक टालने से बेहतर है, आर-पार करना। इससे स्थिति साफ हो जाती है। किसी फैसले को टालना कई बार उस फैसले को लेने से कहीं ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। 3। रोजाना सुबह उठकर उस दिन के कामों की लिस्ट बना लें। वक्त कम होने पर इनमें से गैरजरूरी को हटा दें, कम जरूरी को टाल दें और हो सके तो कामों को दूसरों को बांट दें, लेकिन उन पर थोपें नहीं। 4। लंबे वक्त से अटके पड़े काम के लिए रोजाना 10 मिनट का वक्त तय करें। इसी तरह ज्यादा वक्त खाने वाले कामों को भी छोटे-छोटे हिस्से में बांट लें और रोजाना थोड़ा-थोड़ा वक्त उसमें लगाएं। इससे देर से ही सही, काम पूरा हो जाएगा। 5। गौर करें कि हम अपना वक्त कैसे बिताते हैं। इसके लिए एक डायरी रखें और उसमें तीन दिन तक अपना रुटीन लिखें। इससे आप आसानी से पता लगा सकेंगे कि किस काम में आपका वक्त जाया हो रहा है।


लाइफ के टिप्स

- कभी खुशी और सुकून के पलों को कैनवस पर उतारने की सोची है। सबसे पहले मन में पेड़ के नीचे आराम से बैठकर नेचर को निहारते शख्स की इमेज मन में आती है। जाहिर है, जिंदगी की भागदौड़ के बीच कुछ वक्त अपने लिए निकालना बेहद जरूरी है। - अपनी जिंदगी को एक विस्तृत तस्वीर के रूप में देखें। सोचें कि हमारी जिंदगी के अलग-अलग क्षेत्र आपस में किस तरह जुड़ें हैं और पहचानें कि अगर एक में बदलाव होगा, तो दूसरों पर उसका क्या असर दिखेगा। - आज में जीएं। वर्तमान क्षण और आसपास की खूबसूरती को जीएं। अगर यह स्वीकार कर लें कि बदलाव शाश्वत है तो वर्तमान में जीने में मदद मिलती है। - अहम होना अच्छा है लेकिन अच्छा होना ज्यादा अहम है। - सफलता का कोई मंत्र नहीं है। यह कड़ी मेहनत, सही मौकों पर सही फैसले और तकदीर के मेलजोल से मिलती है। - कुछ लोग उन चीजों को देखते हैं, जो हैं और पूछे हैं क्यों, जबकि कुछ लोग ऐसी चीजों का सपना देखते हैं, जो कभी नहीं थीं और पूछते हैं - क्यों नहीं? - नया हमें लुभाता है लेकिन हम बदलाव से बचते हैं। नयापन लाने के लिए हमेशा बदलाव को तैयार रहना होगा। साभार नवभारत टाइम्‍स दिल्‍ली