--------- राजेन्द्र माथुर स्मृति पत्रकारिता संस्थान की स्थापना -------
स्वाधीन भारत में हिन्दी पत्रकारिता को स्थापित करने वाले दिवंगत पत्रकार स्वर्गीय राजेन्द्र माथुर का पूरा जीवन हिन्दी के लिये समर्पित रहा। मप्र के मालवा अंचल के इस प्रतिभावान पत्रकार ने यह प्रमाणित कर दिया कि ऊंचाई प्राप्त करने के लिये महानगर में पैदा होना आवश्यक नहीं है। नईदुनिया इंदौर से अपनी पत्रकारिता यात्रा आरंभ करने वाले श्री माथुर हिन्दी राष्ट्रीय दैनिक नवभारत टाइम्स के सम्पादक बने। आरंभ से अपनी आखिरी सांस तक ठेठ हिन्दी पत्रकार का चोला पहने रहे।
हिन्दी पत्रकारिता का विस्तार हुआ है और जब जब हिन्दी पत्रकारिता की बात आती है, रज्जू भइया का नाम जरूर स्मरण में आता है। दुर्भाग्य से आज वे हमारे बीच नहीं हैं। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि पत्रकारिता की शिक्षा पाने वाली नवागत पीढ़ी के अधिकांश लोगों को राजेन्द्र माथुर सरीखे पत्रकार के बारे में या तो जानकारी ही नहीं है अथवा है तो आधी-अधूरी। ऐसे में लगा कि आज और अभी समय रहते स्वर्गीय राजेन्द्र माथुर की पत्रकारिता को लेकर कोई पहल नहीं की गई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
इसी सोच के साथ हम कुछ युवा साथियों जिनमें ज्यादतर स्वतंत्र पत्रकार हैं और जिनका जीवनयापन ही मुश्किल से चलता है ने मिलकर राजेन्द्र माथुर समृति पत्रकारिता संस्थान की स्थापना का सविनय पहल की है। आरंभिक दिनों में राजेन्द्र माथुर समृति व्याख्यान माला आरंभ किया जाएगा। प्रत्येक माह पत्रकारिता के समसामयिक विषयों पर सुधि पत्रकारों का व्याख्यान होगा।
फिलवक्त दो अक्टूबर 2009 को भोपाल में पहला व्याख्यान आयोजित करने का मन है। हम सब साथियों का आग्रह है कि रज्जू बाबू से संबंधित आपके पास संकलित/संग्रहित सामग्री भेजने के लिये मनोज कुमार संयोजक राजेन्द्र माथुर स्मृति पत्रकारिता संस्थान मो. 9300469918/ 9407514330 पर सम्पर्क किया जा सकता है। साभार मीडिया ख़बर