शनिवार, सितंबर 12, 2009

टर्की में भी बेहतरीन पत्रकारिता

अभी तक तो अपन तो समझते थे कि हिंदुस्‍तान में ही अख़बार लेआउट को लेकर तड़क भड़क का प्रयोग करते हैं। जब आज टर्की के अख़बार देखे तो देखता रह गया। क्‍या अख़बार बनाते हैं, लेआउट तो शानदार है ही उसके साथ कंटेट भी जोरदार देते हैं। बिंदुवार ऐसी जानकारी जुटाते हैं क्‍या कहना। इस्‍तानबुल से निकलने वाला एक अख़बार है मिलियट देखों क्‍या ख़बर परोसी है। लीड ख़बर में ग्राफिक्‍स, इलेस्‍ट्रेशन, पाइंट्स सब कुछ जुटाए गए हैं। यहां के कुछ अख़बार फुल पेज बॉक्‍स का भी इस्‍तेमाल करते हैं।
हेडर नहीं ‘मिडर’
एक खास बात यहां के अख़बारों में हेडर नहीं ‘मिडर’ होता है। मतलब यहां के अख़बारों में हेडर फ्रंट पेज के बीचोबीच होता है। अगर नया आदमी अख़बार पढ़े तो समझे कोई हेडिंग होगी। सबह, ऑले, हबर तुर्क ऐसे अख़बार हैं जिनके बीच में अख़बार का नाम है। जहां हेडर होता है वहां लीड की हेडलाइन है। यहां अपने यहां जैसे ज्‍यादा ख़बरें तो नहीं भरी जातीं लेकिन अमेरिका और यूके जैसे एक ख़बर में फ्रंट पेज नहीं समेटा जाता है। चार पांच ख़बर होती है अमूमन सभी ख़बरों का अच्‍छे से ट्रीटमेंट किया जाता है (बुगन नाम का अख़बार देखें)