शुक्रवार, मई 09, 2008

बेनाम होने की जरूरत नहीं

किसी सज्जन ने बेनामी टिप्पणी लिखी कि इस ब्लाग का नाम बदल कर अपनी बात रख दूं। क्योंकि उन्हें लगता कि इसमें खबर की कम मेरा महिमा मंडन ज्यादा है। श्रीमान बेनाम निवेदन है कि अपनी बात रखने के लिए बेनाम होने की जरूरत नहीं। आपका ब्लाग पर स्वागत है यह ब्लाग मेरा नहीं खबरों का है। आगे से नाम के साथ लिखे तो खुशी होगी। बात पर बात निकली है। आपने ब्लाग पर जर्नलिज्म सुझाव दिया है कि पत्रकारिता के बारे में लिखूं तो आपको बता दूं पत्रकारिता कालेज में पढ़े सिध्दांत पर नहीं फील्ड के सिध्दांतों पर होती है। मैं उस झूठ को लिखने यकीन नहीं करता कि कालेज में सारा सच है। फील्ड ही सच है। बस निवेदन है कि बेनामी से न लिखें आप गलतियां बताएं बाकी बात होती रहेगी। वैसे आपको पहचान चुका हूं सर।