शुक्रवार, मई 09, 2008

एनडीटीवी पर विशलेषण

यार कल टीवी पर खबर आ रही थी कि सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के निदेशक वेणू फिर काबिज हो गए हैं। सारे मुर्ख चैनल वाले यही ब्रेकिंग खबर दिखा रहे थे। लेकिन एनडीटीवी पर एक विशलेषण चल रहा था कि क्या उच्चतम न्यायालय संसद के किसी कानून को चुनौती दे सकता है। वैस पढ़ा तो यही है कि संसद देश की सबसे बड़ी संस्था है। बात भी सही वो तो भला हो कि लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ दा के ध्यान नहीं आया वरना वो तुरंत बोल देते कि न्यायपालिका दायरे में रहे। माना कि कोर्ट में भ्रष्टाचार कम है। इसका मतलब यह नहीं कि कोर्ट संसद के कानून को चुनौती दी। एनडीटीवी की खबर इसलिए बेहतरीन रही कि उसने विशलेषण किया न कि खबर दी। वैसे वेणू गोपाल केस एक नवी बहस छेड़ सकता है कि देश कि सर्वोच्च संस्था को अधिनस्थ संस्था चुनौती दे सकती है।
वैसे लिखने को बहुत कुछ है। काम के व्यस्तता के कारण लिख नहीं पा रहा हूं।