जिस तरह बंगाल में दीदी ने जादू किया है वैसे ही अखबारों की दुनिया में टेलीग्राफ ने कमाल किया है। इतना जबरदस्त प्रयोग वो भी इंडिया में अभी दो-चार साल तक तो कल्पना ही की जा सकती थी, लेकिन इंडिया अब दौड़ रहा है। टेलीग्राफ ने उम्दा हेडिंग के साथ यूरोप और यूएस के अखबारों की तर्ज पर हेडर को बॉटम में रख दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया, डीएनए और हिन्दुस्तान टाइम्स से इन चुनावों पर ड्रामे की उम्मीद थी, लेकिन इन तीनों अखबारों ने सिम्पल द बेस्ट की नीति पर अखबार बनाया है। रही बात इंडी एक्सप्रेस, हिन्दू और आनंद बाजार पत्रिका ठीक-ठीक हैं। एचटी का मुंबई और दिल्ली एडिशन का हेडिंग अलग है। हिन्दी अखबारों में प्रभात खबर और पत्रिका ने जैकेट लगाई है। प्रभात खबर ने परिवर्तन और पत्रिका ने तख्ता पलट लगाया है। भास्कर ने वामपंथ का बंग-भंग लिखा है। अंगरेजी के अखबारों ने 'जया हो ममता' लिखा है, लेकिन सभी अखबारों के हेडिंग बेहद उम्दा है। नईदुनिया इंदौर ने हेडिंग में निराश किया है, जबकि दिल्ली का हेडिंग कमाल है। इंदौर में आईपीएल मैच के कारण भास्कर ने भी मैच को ही लीड बनाया है जबकि पत्रिका चुनाव के साथ रहा है। अमर उजाला और हिन्दुस्तान ने ग्राफिक के साथ अच्छा प्रयोग किया है। कुल मिलाकर चुनाव का कवरेज अच्छा रहा है।
शनिवार, मई 14, 2011
अखबारों में चुनाव का कवरेज बढ़िया है...
जिस तरह बंगाल में दीदी ने जादू किया है वैसे ही अखबारों की दुनिया में टेलीग्राफ ने कमाल किया है। इतना जबरदस्त प्रयोग वो भी इंडिया में अभी दो-चार साल तक तो कल्पना ही की जा सकती थी, लेकिन इंडिया अब दौड़ रहा है। टेलीग्राफ ने उम्दा हेडिंग के साथ यूरोप और यूएस के अखबारों की तर्ज पर हेडर को बॉटम में रख दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया, डीएनए और हिन्दुस्तान टाइम्स से इन चुनावों पर ड्रामे की उम्मीद थी, लेकिन इन तीनों अखबारों ने सिम्पल द बेस्ट की नीति पर अखबार बनाया है। रही बात इंडी एक्सप्रेस, हिन्दू और आनंद बाजार पत्रिका ठीक-ठीक हैं। एचटी का मुंबई और दिल्ली एडिशन का हेडिंग अलग है। हिन्दी अखबारों में प्रभात खबर और पत्रिका ने जैकेट लगाई है। प्रभात खबर ने परिवर्तन और पत्रिका ने तख्ता पलट लगाया है। भास्कर ने वामपंथ का बंग-भंग लिखा है। अंगरेजी के अखबारों ने 'जया हो ममता' लिखा है, लेकिन सभी अखबारों के हेडिंग बेहद उम्दा है। नईदुनिया इंदौर ने हेडिंग में निराश किया है, जबकि दिल्ली का हेडिंग कमाल है। इंदौर में आईपीएल मैच के कारण भास्कर ने भी मैच को ही लीड बनाया है जबकि पत्रिका चुनाव के साथ रहा है। अमर उजाला और हिन्दुस्तान ने ग्राफिक के साथ अच्छा प्रयोग किया है। कुल मिलाकर चुनाव का कवरेज अच्छा रहा है।