मंगलवार, मई 04, 2010

यार ये विदेशी डिजाइनर भी क्‍या क्‍या बना देते हैं

यार ये विदेशी डिजाइनर भी क्‍या क्‍या बना देते हैं और वहां के पाठक स्‍वीकार कर लेते हैं। पत्रकारिता की तो बारह बजाकर रख दी है। कई बार अच्‍छा काम करते हैं और कई बार ऐसा भी। बिकनी पहने लड़की की तस्‍वीर छापना तो समझ आता है लेकिन टैक्‍ट्स से बिकनी बनाना समझ से परे है। अपने वहां तो बिकनीवाली लड़की की तस्‍वीर पर भी बवाल मच जाता है उन दिनों की बात है जब मैं पंजाब में था किंगफिशर का कैंलेडर छपा था जिसमें सलीना जेटली अपनी पहली फिल्‍म जांनशिन के बिकनी पोज में थी। विज्ञापन विभाग ने छपवा तो दिया लोगों ने खूब नाराजगी की, दूसरे दिन संपादक को माफी छापनी पड़ी।