रविवार, जनवरी 24, 2010

माल वहीं पैकिंग अलग-अलग

आज कल अख़बारों में गुमनाम हीरो को मौके मिल रहे हैं। ये वो असाधारण लोग हैं जिन्होंने अपनी सोच और कुछ अलग करने के जुनून के चलते अपने-अपने क्षेत्र में कुछ काम किया है। कुछ दिनों के अंतराल हिंदी-अंगरेजी के लगभग सभी बड़े अख़बार इन्हें मौका दे रहे हैं। हाल ही में पत्रिका ग्रुप ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘वंदे मातरम्’ नाम पेज शुरू किया है जिसमें ऐसे असाधारण व्यक्तियों की उपलब्धियां हैं। इससे पहले नए साल पर दैनिक भास्कर ने ‘आया हमारा दशक’ नाम से पेज शुरू किया था जिसमें ऐसे ही असाधरण कथाएं थीं। इसी का ठीक उलट टाइम्स आॅफ इंडिया के साप्ताहिक क्रिस्ट संस्करण ने भी अपने हर अंक में किया था। टाइम्स ने अलग अलग क्षेत्रों के टाॅप टेन महारथियों की लिस्ट बनाई थी। लेकिन ये ऐसे क्षेत्र थे जिनकी बहुत कम चर्चाएं होती हैं जैसे टाॅप टेन वकील, टाॅप टेन समाजसेवी आदि। देर सहेर सभी अख़बार एक जैसा ही कर रहे हैं, याने माल वहीं पैकिंग अलग-अलग है।