बुधवार, जनवरी 06, 2010

इस बार ज्ञानोदय पढ़ लें मीडिया विशेषांक है





इस बार याने जनवरी 2010 का ज्ञानोदय का अंक मीडिया विशेषांक है। टीवी के सभी बड़े नामों के साथ उनकी यादगार स्‍टोरी संस्‍मरण के रूप में शामिल की गई है। इस अंक की खासियत ये है कि आलेख पढ़कर पाठक पता लगा सकेंगे किस तरह एक से ढाई मिनट तक टेलीविजन पर चलने वाली स्‍टोरी के पीछे ढाई दिन या ढाई महीने होते हैं (रिपोर्टर की भूख प्‍यास और नींद इसमें शामिल नहीं है)।  शीला रावल ने अंडरवर्ल्‍ड की शादी, विजय विद्रोही ने एक दशक बाद बारात, कमाल खान ने हज, अलका सक्‍सेना ने बेअंत सिंह, श्रीकांत प्रत्‍यूष ने गन पाइंट एट मैरिज, रवीश रंजन ने बाढ़ और सेना का सजीव वर्णन किया है। जीतेंद्र दीक्षित ने पत्रिका में सबसे बड़ा लेख लिखा है। कई बड़े नामों ने निराश किया है, उनकी कलम एक से ज्‍यादा पेज भी नहीं भर पाई। कुल मिलाकर ज्ञानोदय के नए साल का आगाज बेहतरीन हुआ है। वैसे दिसंबर वाला अंक भी पढ़ लें उसमें 'गांधी का हिंद स्‍वराज' पूरा का पूरा छपा है। काम आएगा। अगर ये पत्रिका नहीं मिल रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं। ज्ञानापीठ की वेबसाइट पर नया ज्ञानोदय का ऑप्‍शन है उसे क्लिक करो पिछले मई से अब तक के अंक आपके सामने होंगे। ये अंक पीडीएफ के रूप में हैं, इसलिए अपने कंप्‍यूटर पर एक्रोबेड जरूर इंस्‍टाल कर लेना। अगर नहीं है तो ये भी ज्ञानोदय की साइट पर उपलब्‍ध है।
ऊपर की तस्‍वीरें ज्ञानोदय अंक से साभार