बुधवार, दिसंबर 02, 2009

भोपाल के कई अख़बार भूल गए यूनियन कार्बाइड हादसे को

यूनियन कार्बाइड हादसे को 25 साल हो चुके हैं। लगा था सभी अख़बार दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी को बड़ा कवरेज देंगे, लेकिन भास्‍कर और नवदुनिया (नईदुनिया) को छोड़कर कोई भी अख़बार इस दर्द को समझ नहीं पाया। नवदुनिया और भास्‍कर ने तीन से चार पेज इस त्रासदी की 25वीं बरसी पर दिए हैं। सुनीता नारायणन की रिपोर्ट को सभी ने तवज्‍जो दी है। लेकिन पत्रिका, जागरण और राज एक्‍सप्रेस ये दर्द नहीं समझ सके। पत्रिका ने जरूर प्रथम पेज के अलावा दूसरा पेज दिया लेकिन वो भी आधा विज्ञापन सेभरा था। भास्‍कर और नवदुनिया के अच्‍छे कवरेज का कारण उसका स्‍थानीयपन है, जो यूनियन कार्बाइड त्रासदी को समझता है। जागरण के प्रथम पेज से यूनियन कार्बाइड बरसी की ख़बर ही गायब है। राज एक्‍सप्रेस का भी यही हाल है। कुल मिलाकर बाजी मारी नवदुनिया और भास्‍कर ने, दोनों के कॉन्‍टेंट भिन्‍न हैं,लेकिन ये कहना मुश्‍किल है भारी कौन रहा।