पहले तो अपने साथियों से क्षमा मांगना चाहता हूं। क्योंकि काफी दिनों तक अख़बार की बात से दूर रहा। मैंने अपनी पिछली पोस्ट 4 जुलाई 2008 को लिखी थी। इसके चार दिन बाद आठ जुलाई को मैंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कदम रखा। इलेक्ट्रॉनिक का काम सीखने में काफी समय खर्च हुआ। विधानसभा चुनाव फिर लोकसभा चुनाव आए इन्हें निपटाने का काम मिला। इसलिए कुछ नहीं लिख पाया। इसलिए सुधि मित्रों से क्षमा चाहता हूं। अब मित्रगण चाहे तो गरियायें या फिर क्षमा कर दें। अब पाबंदी से लिखूंगा । पिछली बार मेरी देरी से लिखने की आदत पर एक मित्र ने पाबंदी से लिखने की सलाह दी थी। मैं उस अनाम मित्र को विश्वास दिलाता हूं कि आगे से उन्हें कोई शिकायत का अवसर नहीं दूंगा।
धर्मेन्द्र चौहान
धर्मेन्द्र चौहान