रविवार, मार्च 21, 2010

लुधियाना की सीनियर रिपोर्टर पूनम सपरा का निधन



पूनम सपरा जब पहली बार नाम पढ़ा तो लगा कोई पंजाबी मुटियार होगी। जब मिला तो बिलकुल काउ गर्ल की स्‍टाइलवाली डेशिंग लेडी और काम में तेजतर्रार। वे काफी प्रोफेशनल थीं। जब उन्‍हें मेरी टीम में शामिल किया गया और हैल्‍थ संबंधी स्‍टोरी करने की जिम्‍मेदारी दी गई थी। पूछने की देर थी पूनमजी आज क्‍या। स्‍टोरिज की झड़ी लग गई। काम चलता रहा। फिर मैंने लुधियाना छोड़ दिया, कुछ दिनों बात पता चला वो वापस अपने पुराने संस्‍थान में लौट गईं। हां एक बार और का और किस्‍सा सुनाता हूं। वो हमारे सेक्‍शन में नई आई थीं उन्‍हें मुख्‍य रिपोर्टिंग से हमारी सेक्‍शन में भेजा गया था। डेस्‍क की गलती से उनका सरनेम गलत चला गया था। मैंने सुबह अख़बार पढ़ा सेक्‍शन का इंचार्ज होने के नाते बहुत गिल्‍टी लगा। लगा सुबह के आठ बज रहे हैं अभी तक पूनमजी का फोन नहीं आया कि नाम गलत छप गया। जब दफ्तर पहुंचा तो मुस्‍कराती हुई बोली धर्मेन्‍द्रजी आप मेरा नाम गलत छप गया। मैंने कहा देखता हूं किसकी गलती है लेकिन मैं माफी चाहता हूं आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। वो पूनमजी थीं पंजाबी स्‍टाइल में बोली ‘कोईनी कोईनी होता है’। आज दोस्‍त अबरार खान का फोन आया कि संभवत: रात को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ है। सुबह जब उनके पति ने उन्‍हें जगाया तो वे मृत पड़ी हुई थीं। पूनमजी आप बहुत याद आओगे।